जो जैसे है वैसा ही स्वीकार करो बार-बार उसको बदलने की नाकाम कोशिश नाकामयाब इंसान बना कर रख देगी और तो और तुम इंसान को बदलने की कोशिश में उलझे रह जाओगे इंसान तुम्हे ही बदल लेगा इसलिए ईश्वर प्रदत्त चीजों में ज्यादा उलट-फेर नहीं करना जो प्रसाद मिला उसे सहर्ष सौभाग्य समझकर स्वीकार करें !!
शशि प्रभा--
