The Diary Game is 1699th entry 30th Aug, 2025.
<center> इंतजार हमेशा बहुत कुछ सिखा देता है क्योंकि जब हम इंतजार करते हैं तो उसकी कोई लिमिट नहीं होती पूरा वक्त इंतजार में चला जाता है कभी-कभी सोचते हैं कि हम किस चीज का इंतजार कर रहे हैं हम डॉक्टर साहब का इंतजार कर रहे हैं जो हमारी दिनचर्या को एक अनोखे रूप में बदल देता है वास्तव में यहां पर बहुत कुछ देखने के लिए है लेकिन कुछ चीज ऐसी होती है जो हमें दूर से अच्छी दिखाई देती है पास जाकर अच्छी नहीं लगती इसी प्रकार यहां पर भी ऐसा ही कार्यक्रम है अभी शुरू होने में काफी समय है लेकिन वास्तव में यहां पर भीड़ होने के कारण काफी कुछ देखना पड़ता है वह सोचते हैं समझते हैं कि क्या हो रहा है लेकिन हमारी दिनचर्या को यह इससे कोई मतलब नहीं की क्या चल रहा है वैसे आगे बढ़ाने के लिए कारण भाई चलते रहते हैं
Morning time.
सुबह 4:35 पर जाग जाता हूं और एक विचार होता है कि जाना चाहिए एक विचार होता है नहीं जाना चाहिए तब मैं कमरे से बाहर आया अपने लिए गिलास गर्म पानी किया और पानी पीने के बाद फ्रेश होने चला गया वहां से आने के बाद तुरंत अपने लिए टंकी खोली बाल्टी में पानी भरा और तौलिया उठाकर लाया और जल्दी से स्नान किया स्नान करने में मुझे उधर से 15 मिनट लगे 5:30 बज चुके थे जब मैं तैयार हो चुका तैयार होने के बाद मुझे हरिद्वार के लिए निकलना है लेकिन अभी समय नहीं है इसलिए मैं जल्दी से अपने लिए गिलास गर्म दूध किया और फिर मैं कर को स्टार्ट किया और पहले सबसे पहले सीएनजी पंप पर पहुंचा वहां से सीएनजी पंप मैं ₹300 डलवाई क्योंकि बाकी ₹300 मेरी सीएनजी पहले से कर में डाली हुई है उसके बाद में सफर के लिए निकलजाता हूं
जी सफर में जाकर मुझे एक रास्ते में व्यक्ति मिलता है वह पुलिस की वर्दी पहने हुए हैं उसने हाथ दिया मैंने रोक लिया उन्होंने पूछा कि आप कहां जा रहे हो मैंने कहा मैं हरिद्वार जा रहा हूं उन्होंने कहा ठीक है मैं भी आपके साथ चलता हूं मुझे रास्ते में छोड़ देना मैं का टीका बैठ जाइए कुछ देर बाद हम दोनों बातचीत होती है वह बताता है कि मुझे कुछ लैपटॉप चाहिए तो मैंने उसे बताया कि ठीक है आपके लैपटॉप मिल जाएंगे मैंने सपना कांटेक्ट नंबर दे दिया है आप देखते हैं कि कब है मेरे से संपर्क करता है फिर मैं वापस पहुंच गया और जल्दी से सबसे पहले अपना परिचय पर नाम लिखवाया और इंतजार के लिए लाइन में खड़ा हो गया फिर नाम बोल रहे थे पहले पर्चे में मेरा नाम नहीं आया फिर मैं दूसरा पर्चा बोला दूसरे परिचय मेरा नाम नहीं आया मैंने सोचा की तीसरी पर्ची में मेरा नाम नहीं आता तो मैं अपना कैंसिल कर दूंगा और जाकर दवाई ले लूंगा और घर पर चला जाऊंगा
लेकिन दवाई लेते वक्त हमेशा ध्यान रहता है कि किसी व्यक्ति के दवाई चल रही है तो मैं भी लाइन में खड़ा हो जाता हूं और उसके बाद में डॉक्टर साहब के केबिन में पहुंचता हूं वहां पर सभी दिखा मरीज देख रहे हैं तो मेरा भी नंबर आ जाता है तो मैं बैठकर अपने आप को दिखाया और उनसे कुछ नहीं पूछा सिर्फ अपने आप बता रहे थे बताने के बाद उन्होंने मुझे कुछ दवाई लिखी है जो मुझे लेकर जानी है फिर दवाई पूछे कितने महीने की चाहिए महीने का 1 महीने की आप मुझे दवाई दीजिए और मैं उसे अस्पताल से बाहर आ जाता हूं
फिर मैं इंतजार कर रहा था कि कब दवाई मिले 2:00 बजने वाले थे मैंने सोचा कि 2:00 बजे से पहले पहले मिल गई तो ठीक है नहीं तो आज तीन ही बस जाएंगे तो तभी मेरा नाम बोलता है दीपक खतौली में तुरंत जाता हूं और अपनी दवाई लेता हूं उन्होंने कहा कि आपको ₹300 देने हैं मैं ₹300 जमा करें करने के बाद तुरंत कर की तरफ चला और कर स्टार्ट करें और निकल पड़ा रास्ते में काफी भीड़ है इसलिए तस्वीर लेता हूं लेने के बाद मेरा सफर में ₹130 एक्स्ट्रा लग गया मुझे बहुत ही दुख हुआ क्योंकि मैं रास्ता नहीं छोड़ा था फिर भी टाल वाला रास्ता आ गया यह नहीं पता लगा कि कैसे हुआ मैंने का कोई बात नहीं तब मैं उसे टाल को पास करता हूं और आगे के लिए निकल जाता हूं फिर मैं घर पर पहुंचा 3:05 पर
मैं लगभग 4:00 बजे ऑफिस पहुंच पहुंचने के बाद मैंने कुछ बच्चों को कंप्यूटर कोर्स सिखाया लेकिन काफी थक चुका था इसलिए थोड़ा आराम किया घर चलने की तैयारी कर रहा हूं फिर ऑफिस बंद कर अब रास्ते में जो कुछ सामान खरीद घर से फोन आया है कि आपको कुछ समझा खरीद के लानी है कुछ अन्य सामग्री भी लानी है तो मैं वहां पर गया और सामान निकलता लेकिन आज काफी थक गया हूं इसलिए मुझे चाहता आराम करो लेकिन फिर मैं अपनी इसलिए मैं इंतजार नहीं किया और अपने कार्य में लग जाता हूं
Photos captured by | @ahlawat |
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Diary Game: Season-6 | Learn something new here everyday, I invite you all to check out the post. In which I am telling about the program from morning to night in my post. |
Camera Device | Nothing Rear Camera 12MP |
Location | India |
I hope you like this. | Thanks for reading. You are all welcome.. |
