Why people eat plum cake on Christmas Eve?

आज हमलोग क्रिसमस के त्यौहार पर रौशनी डालेंगे| वैसे तो क्रिसमस भारतीयों का त्यौहार है ही नहीं, लेकिन फिर भी लोग यहाँ इस त्यौहार को बहुत ख़ुशी से मानते हैं| इसका सबसे बड़ा कारण यह हैं की भारत में हर सभ्यता के लोग रहते हैं और हर एक को त्यौहार मनाने की आजादी प्रदान की गयी हैं|
क्रिसमस के दिन लोग केक खाकर खुशियां मनाते हैं| अब सवाल यह उठता हैं की, क्रिसमस के दिन लोग केक क्यों खाते हैं? ऐसा कहा जाता हैं की विदेशों में पहले मिठाई बनाई नहीं जाती थी, इसलिए लोग केक खाकर अपना मुँह मीठा करते थे| धीरे-धीरे लोग प्रभु यीशू के जन्म दिन २५ दिसंबर को मनाने के लिए मिठाई के रूप में केक को शामिल करने लगे, और इस तरह २५ दिसंबर के दिन केक खाना एक परंपरा बन गया|

क्रिसमस आने की ख़ुशी में लोग पहले से ही अपने-अपने घड़ों में पल्म केक बनाने लगते हैं, और कुछ लोग बेकरी शॉप को महीनो पहले ही पल्म केक का आर्डर दे देते हैं। पल्म केक का आगमन ईसा पूर्व से ही हो गया था। क्रिसमस के त्यौहार में क्रिसमस ट्री और संत सेंटा का काफी महत्व होता है। लोगों का यह मानना है कि सांता क्लॉज अपने साथ बहुत सारी खुशियां लेकर आते हैं। इसलिए क्रिसमस के समय बहुत सारे लोग संत सेंटा के जैसा ही कपडा पहन लेते हैं और खुशियां मानते हैं।
क्रिसमस त्यौहार के बाद ही नए वर्षों का आगमन होता है, जिनमे लोग केक खिलाकर एक-दुसरे का मुंह मीठा करते हैं। केक का उपयोग १६ वीं सदी के पहले क्रिसमस में नहीं किया जाता था। लोग इससे पहले ब्रेड और सब्जियों का इस्तेमाल करके एक डिश तैयार करते थे जिसका उपभोग क्रिसमस के त्यौहार में किया जाता था। इंग्लैंड में लोग क्रिसमस के समय पल्म पुडीज का इस्तेमाल करते थे, जिसके जगह १६ वीं शताब्दी के दौरान लोगों ने आटे का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. इसमें एग, मक्खन और उबला हुआ पल्म मिलाकर एक नए डिश का निर्माण कर लिया। बाद में धनी लोग जिनके पास तंदूर हुआ करता था केक का निर्माण करने लगे और इस तरह पल्म केक का उपयोग क्रिसमस में किया जाने लगा.
क्रिसमस के दिन सांता क्लॉज़ का क्या महत्व होता है

ऐसा लोगो का मानना है कि सांता क्लॉज बर्फीली जगहों से आते हैं और लोगों को खुशियों के साथ उपहार भी देते हैं. मध्ययुग के लोग ये मानते थे कि संत निकोलस अपने जन्म दिन ६ दिसंबर के रात छोटे-छोटे बच्चो के लिए उपहार लाते हैं, इसलिए वे लोग उनका जन्म दिन बहुत धूम धाम से मनाते थे। यही संत निकोलस को अमेरिका में लोग सांता क्लॉज के नाम से जानते हैं। और इसी कारण विश्व भर के लोग भी इन्हे महत्व देने लगे।
क्रिसमस ट्री का क्या महत्व है?

जब प्रभु यीशु का जन्म गौशाला में हुआ था, उस समय क्रिसमस ट्री गौशाला के बहार सजाने के लिए रखा गया था। यीशु के जन्म की ख़ुशी में लोगों ने बहुत चीजों को लाकर क्रिसमस ट्री पर सजा दिया जैसे कि केक, उपहार, चॉक्लेट इत्यादि। तभी से यह प्रचलन प्रसिद्द हो गया और लोग आज भी क्रिसमस ट्री को छोटे-छोटे उपहार और चॉकलेट से सजाते हैं.
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