हे! जनकनन्दनी कोई तुम सी नारी नाहै... भला कौन महल छोड़ स्वामी संग वनगईहैं................rekhepal (45)in #gyaan • 3 years ago हे! जनकनन्दनी कोई तुम सी नारी नाहै... भला कौन महल छोड़ स्वामी संग वनगईहैं... पवित्रता की परिभाषा हो तुम फिर भी तुमने अग्निपरीक्षा का दंड सहा भला कौन तुम-सी प्रीत निभाया हैं !! Il जय श्री राम।।'."