आप कितने भी आध्यात्मिक हों ....

in India Speaks3 years ago

image.png

आप कितने भी आध्यात्मिक हों
लेकिन एक मौका आता है
जब आपको कहना पड़ता है कि,
"अर्जुन, धनुष उठा और तीर चला,
वक़्त आ गया है अब मारने का"।
और अगर आप में सामार्थ्य ही नहीं है
धनुष उठाने की और तीर चला पाने की
, तो फिर आप तैयार रहिए कि
सत्ता दुर्योधन जैसों के हाथ में रहेगी,
उन्हीं के बनाए नियम-कायदे चलेंगे और
फिर दुर्योधन के राज में आप कर लेना
नैतिकता की स्थापना,
धर्म की स्थापना,
अध्यात्म की स्थापना!