आरक्षण

in #poem7 years ago

आप से मुझ तक,
पिछले कुछ वर्षो में
विकास के नाम पर कुछ पहुचा हैं
तो बस आरक्षण,

कभी ज़ाति का,
कभी धर्म का,
कभी परिवार के नाम का,
कभी सरकारी मेम का,
ज़हा भी ड़ाली अर्जी
अपने हुनुर की,
बदले मे मिला
तो बस आरक्षण!!!
©pranshu
@rajneeti

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