मेरी पुरानी प्रेयसी तुम जो कई वर्षों के पर्दे लाँघकर एक महीन याद की तरह आई हो हरे पीले ............shridhi (47)in #poem • 3 years ago मेरी पुरानी प्रेयसी तुम जो कई वर्षों के पर्दे लाँघकर एक महीन याद की तरह आई हो हरे पीले लाल पत्तों के परिधान में अपनी नीली आभा प्रकट करती हुई मुझे माफ़ करना कि मेरा दिल कुरुपता से भर दिया गया है