पतानहीं कितना अंधकार था मुझमें पता मैं सारी उम्र चमकने......

in #poem4 years ago



पतानहीं कितना अंधकार था मुझमें पता मैं सारी उम्र चमकने की कोशिश में बीत गया धूमिल'."