'मैं केवल इसलिए पुस्तकों के पृष्ठ नहीं मोडता क्योंकि तुम्हें लगता है ऐसा करना पेड़ ......shridhi (47)in #poem • 3 years ago 'मैं केवल इसलिए पुस्तकों के पृष्ठ नहीं मोडता क्योंकि तुम्हें लगता है ऐसा करना पेड़ के मन पर आघात होता है तुम्हारे भीतर करुणा की कौन नदी बहती है श्यामली जिसमें डूबकर मैं भी कोमलतम होते जा रहा हूँ