पृथ्वी की गोलाई समेटे नथनी झूलती है भविष्य-सा कई जंगल हैं सीने में मगर ढूँढ़़ती............shridhi (47)in #poem • 3 years ago पृथ्वी की गोलाई समेटे नथनी झूलती है भविष्य-सा कई जंगल हैं सीने में मगर ढूँढ़़ती है गीत M पूरी शिवालिक शुंखला का नाम है औरत औरत पहाड़ का नाम है